किचन का वास्तु शास्त्र | Kitchen Ka Vastu Shastra
किचन (रसोई) से संबंधित कुछ वास्तु सलाह-
वास्तु शास्त्र में रसोई (किचन) का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। वास्तु शास्त्रानुसार रसोई (किचन) में स्टोव, चूल्हा, फ्रिज आदि को सही दिशा में रखने के बारे में बताया गया है।
किचन (रसोई) में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- वास्तु शास्त्रानुसार घर में रसोई (किचन) दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना शुभ होता है। रसोई (किचन) यदि दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना संभव ना हो तो पूर्व दिशा में भी बनाया जा सकता है।
- वास्तु शास्त्रानुसार घर में रसोई (किचन) दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए।
- खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जैसे चूल्हा, स्टोव, ओवन आदि को रसोई (किचन) की पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
- खाना बनाने का स्थान रसोई (किचन) की पूर्व दिशा में दीवार के सहारे होना चाहिए, क्योंकि खाना बनाते समय खाना बनाने वाले का मुख पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है।
- रसोई (किचन) में फ्रिज पश्चिम दिशा में तथा पीने का पानी और वाश-बेसिन उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- रसोई (किचन) का दरवाजा भोजन बनाने वाले व्यक्ति के ठीक पीछे नहीं होना चाहिए।
- रसोई (किचन) से थोड़ी दूरी पर डाईनिंग टेबल रखा जा सकता है। ध्यान रहे डाईनिंग टेबल गोल या अंड़ा आकार का ना हो।
- रसोई (किचन) में टूटे-फूटे बर्तन कभी भी ना रखें, यह वास्तु शास्त्र के अनुसार सही नहीं है।
- यदि अलग से डाईनिंग रूम बनाना है, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार यह घर की पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- डाईनिंग रूम का दरवाजा दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए।
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