घर की सीढ़ी का वास्तु शास्त्र | Ghar Ki Sidi Ka Vastu Shastra
घर की सीढ़ियों से संबंधित कुछ वास्तु सलाह-
सीढ़ियों का घर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियां भी घर के सदस्यों के भाग्य में महत्वपूर्ण स्थान निभाती हैं। सही दिशा में सीढ़ियों के होने से घर के लोग तरक्की करते हें, लेकिन गलत दिशा में सीढ़ियों के होने से घर के सदस्यों को नुकसान पहुंच सकता है।
सीढ़ियों से संबंधित कुछ वास्तु नियम निम्नलिखित हैं-
- सीढ़ियां घर के पिछले हिस्से में अर्थात दक्षिण दिशा, नेऋत्य दिशा या पश्चिमी दिशा में ही बनाई जानी चाहिए।
- यदि दक्षिण दिशा में सीढ़ी बनी हुई हैं, तो घर के सदस्य उन्नति करते हैं।
- सीढ़ियां कभी भी ईशान दिशा, उत्तर दिशा, पूर्व दिशा, आग्नेय दिशा, मुख्य दरवाजे के सामने या घर के मध्य भाग अर्थात ब्रह्म स्थान में नहीं बनवानी चाहिए।
- घर के मध्य भाग अर्थात ब्रह्म स्थान में सीढ़ियां बनने से आर्थिक नुकसान हो सकता है तथा उत्तर दिशा में सीढ़ियां होने से धन की हानि होती है।
- घर के ईशान कोण में बनी सीढ़ियों की वजह से संतान के विकास में रूकावट पैदा हो सकती है।
- सीढ़ियों के पूर्व दिशा में होने से घर के सदस्यों की सेहत खराब रह सकती है।
- सीढ़ियों के आग्नेय दिशा में होने से घर में क्लेश रहता है।
- सीढ़ियों को दक्षिण और पश्चिम दीवार से मिलाकर बनाना चाहिए। यदि ऐसा संभव ना हो, तो सीढ़ियां उत्तर और पूर्व दिशा में ही दीवार से लगभग 8 से. मी. दूर हटाकर बनाना चाहिए।
- सीढ़ियां पूर्व से पश्चिम दिशा में बनी हों तो गृहस्वामी को लाभ मिलता है।
- घर में घुमावदार सीढ़ियां उत्तम मानी जाती हैं। सीढ़ियों का निर्माण घड़ी के अनुसार पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर होना चाहिए।
- घर में सीढ़ियों की सम संख्या नहीं होनी चाहिए। सीढ़ियों की संख्या को 3 से भाग देने पर 2 शेष बचना चाहिए। सीढ़ियां 11, 17, 23, 29 आदि होनी चाहिए।
- सीढ़ी की उंचाई 7 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा उंची सीढ़ियों से चढ़ने में परेशानी हो सकती है।
- सीढ़ियों के नीचे शौचालय, स्नानघर, रसोईघर या पूजाघर नहीं होना चाहिए।
- सीढ़ियों के नीचे शौचालय का निर्माण कराना हो तो शौचालय की छत और सीढ़ियों के बीच में खाली जगह जरूर छोड़नी चाहिए।
- घर के मुख्य दरवाजे पर खड़े व्यक्ति को सीढ़ियां नहीं दिखाई देनी चाहिए।
- सीढ़ियों के शुरूआत में और समाप्त होने पर दरवाजा जरूर बना होना चाहिए, ऐसा करने से वास्तु देवता का आर्शीवाद मिलता है।
- सीढ़ियों में वास्तुदोष होने पर घर की छत पर दक्षिण पश्चिम में एक कमरा जरूर बनाना चाहिए।
- बारिश का पानी एक मिट्टी के बर्तन में भरकर तथा मिट्टी के ढ़क्कन से ढ़क कर रखने से वास्तु दोष खत्म हो जाता है।
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