शौचालय और स्नानघर का वास्तु शास्त्र | Sochalay Aur Snanghar Ka Vastu Shastra

शौचालय और स्नानघर से संबंधित कुछ वास्तु सलाह-


घर में शौचालय और स्नानघर का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। शहरी सभ्यता तथा घर में जगह की कमी की वजह से शौचालय और स्नानघर एक साथ बने हुए होते हैं। यह ठीक नहीं है, इससे घर के सदस्यों में आपसी मनमुटाव होता है। इनका निर्माण भी वास्तु नियम के अनुसार होना चाहिए। 

शौचालय और स्नानघर से संबंधित कुछ वास्तु नियम निम्नलिखित हैं-


  • वास्तु नियम के अनुसार शौचालय में ‘राहू’ तथा स्नानघर में ‘चंद्रमा’ का वास होता है। यदि दोनों साथ में बने हुए हैं, तो ‘राहू’ और ‘चंद्रमा’ साथ होने से ‘चंद्रमा’ में दोष आ जाता है। इसकी वजह से परिवार के सदस्यों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 
  • घर में शौचालय दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण और नैत्रत्य के बीच तथा स्नानघर उत्तर और पूर्व दिशा में बनाया जाना चाहिए। यदि दोनों एक साथ बनाने हो, तो उन्हें पश्चिम और उत्तरी वायव्य कोण में बनाना चाहिए। शौचालय और स्नानघर पश्चिम, दक्षिण तथा नेत्रत्य के बीच भी बनाया जा सकता है।
  • स्नानघर में फर्श का ढ़लान तथा पानी का बहाव उत्तर एवं पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। 
  • शौचालय में शौच करते समय मुख दक्षिण या पश्चिम की तरफ होना चाहिए, पूर्व की तरफ मुख कभी भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि पूर्व दिशा भगवान सूर्य देव की दिशा है।   
  • स्नानघर में पानी के नल तथा नहाने के शावर ईशान, उत्तर और पूर्व दिशा में होने चहिए, स्नान करते समय मुंह उत्तर, ईशान या पूर्व की तरफ होना चाहिए।
  • मंजन या ब्रश करते समय मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। 
  • शौचालय की सीट वायव्य कोण, पश्चिम या दक्षिण दिशा की तरफ बनानी चाहिए।
  • स्नानघर में बाथटब उत्तर, पूर्व या ईशान कोण में लगानी चाहिए।
  • शौचालय या स्नानघर में स्विच बोर्ड तथा बिजली के उपकरण जैसे वाशिंग मशीन आदि आग्नेय कोण या दक्षिण दिशा में लगाने चाहिए।
  • स्नानघर का दरवाजा पूर्व और उत्तर दिशा तथा शौचालय का दरवाजा पूर्व और आग्नेय दिशा की तरफ खुलने चाहिए। दीवारों पर हल्का नीला, सफेद, आसमानी या हल्का पीले रंग का पेंट करवाना चाहिए।
  • स्नानघर में दर्पण उत्तर या पूर्व की दीवार पर ही लगवाना चाहिए।
  • शयनकक्ष (बेडरूम) में अटैच बाथरूम होने से बेडरूम और बाथरूम की उर्जाओं का टकराव होता है, जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इससे बचने के लिए बेडरूम और अटैच बाथरूम के मध्य में एक चेंज रूम बनाना या बाथरूम पर एक मोटा पर्दा लगाना चाहिए। बाथरूम के दरवाजे उपयोग के बाद बंद रखने चाहिए।
  • अटैच बाथरूम में खिड़की तथा एग्जास्ट फैन पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगावाना चाहिए।
  • घर में टपकते हुए नल तथा सीलन को ठीक करवाना चाहिए, इसके साथ-साथ पानी की टंकियों की साफ-सफाई भी जरूर करवानी चाहिए।
  • शौचालय या बाथरूम की दीवार और रसोईघर की दीवार एक नहीं होनी चाहिए, इनके दरवाजे रसोईघर के दरवाजे के ठीक सामने नहीं होने चाहिए।
  • वास्तुदोषों में कमी लाने के लिए शौचालय और बाथरूम के सामने दर्पण, शिकार करते हुए शेर या मुंह फाड़े हुए शेर का चित्र लगाना चाहिए।
  • शौचालय और बाथरूम में संगमरमर का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यहां साबुन, पानी आदि का उपयोग होता है।



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