खिड़की का वास्तु शास्त्र | Khidki Ka Vastu Shastra

खिड़कियों से संबंधित कुछ वास्तु सलाह-


खिड़कियों का घर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। खिड़कियाँ ऊर्जा तथा प्रकाश को घर के अंदर लाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार खिड़कियों की स्थिती का हमारे जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यदि खिड़की गलत दिशा में है तो घर में रहने वाले सदस्यों को बुरे प्रभावों का सामना करना पड़ता है, इसलिए खिड़कियों का निर्माण वास्तु शास्त्र के नियमों के हिसाब से होना चाहिए।

खिड़कियों से संबंधित कुछ वास्तु नियम निम्नलिखित हैं- 


  • घर की खिड़कियां सम संख्या में (2,4,6,8) होनी चाहिए, विषम संख्या में खिड़कियां अशुभ मानी जाती हैं।
  • घर में खिड़कियों का निर्माण शुद्ध हवा और पर्याप्त रौशनी के लिए किया जाता है। इसलिए निर्माण इस तरह से किया जाना चाहिए, जिससे शुद्ध हवा और पर्याप्त रौशनी घर के अंदर आ सके।
  • घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ खिड़कियों का निर्माण होना चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र सही रहे।
  • घर की पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी दीवार पर खिड़कियों का निर्माण शुभ माना जाता है।
  • पूर्व दिशा को भगवान सूर्य देव की दिशा माना जाता है। पूर्व दिशा में अधिक से अधिक खिड़कियों का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे घर में सूर्य का पर्याप्त प्रकाश आ सके।  
  • उत्तर दिशा को भगवान कुबेर की दिशा माना जाता है। उत्तर दिशा में अधिक से अधिक खिड़कियों का निर्माण किया जाना चाहिए, इससे घर के लोगों पर भगवान कुबेर का आर्शीवाद बना रहता है। 
  • घर के उत्तर दिशा की दीवार में खिड़की ना बन पाए तो एक गैलरी बनाकर उसमें खिड़की बना देनी चाहिए। इस उपाय को करने से गृह स्वामी को आर्थिक संकटों से छुटकारा मिलता है।   
  • दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। दक्षिण दिशा में कम से कम और छोटी खिड़कियों का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे सूर्य की हानिकारक किरणें घर में प्रवेश ना कर सकें, सिर्फ वेंटिलेशन ही बना रहे।
  • भवन के संधि भाग में खिड़कियों का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए।
  • घर की दीवार में खिड़कियां एक ही लाइन में बनाई जानी चाहिए, अर्थात खिड़कियां ऊँची-नीची नहीं होनी चाहिए।
  • घर में खिड़कियों के पल्ले अंदर और बाहर की तरफ हैं, तो अंदर की तरफ वाले पल्ले खोलना चाहिए, क्योंकि अंदर की तरफ खिड़कियों का खुलना अच्छा माना जाता है।         
  • खिड़कियों को खोलने और बंद करने में आवाज नहीं होनी चाहिए, उनकी हमेशा साफ-सफाई करनी चाहिए।
  • उस घर में रहने वाले लोगों का जीवन खुशहाल रहता है, जिस घर में मुख्य दरवाजे के पास बनी खिड़कियां हमेशा साफ रहती हैं।
  • घर के मुख्य दरवाजे के पास बनी खिड़कियां टूटी हुई, सिटकनी (कुंडी) टूटी हुई या जाली टूटी हुई नहीं होनी चाहिए। टूटी हुई या पुरानी खिड़कियों की वजह से घर के सदस्यों का बीमारियों से सामना करना पड़ सकता है और बच्चों की पढ़ाई पर भी गलत असर पड़ता है। 
  • घर की किसी खिड़की के आगे डिश टावर, मोबाइल टावर या ट्रांसफार्मर लगा हो, तो इससे बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए खिड़की पर परदे लगाने चाहिए और खिड़की के बाहरी तरफ गमलों में पौधे भी लगाने चाहिए।        
  • प्रातःकाल के समय में घर की खिड़कियां जरूर खोलनी चाहिए, इससे रौशनी, शुद्ध हवा और सकारात्मक उर्जा घर में आती है।   
  • सड़क का घर के पीछे होना अशुभ माना जाता है, जिसके कारण गृहस्वामी को जीवन में बहुत संघर्ष करने पड़ते हैं। इसे दूर करने के लिए घर की पिछली दीवार पर अष्टकोणीय दर्पण लगाया जाना चाहिए। उस तरफ की दीवार यदि दक्षिण या पश्चिम की है, तो उसे ऊँचा किया जाना चाहिए।


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