शाकुम्भरी माता की आरती | ShaKambhari Mata Ki Aarti
हरी ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
शताक्षी दयालु की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
शताक्षी दयालु की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
तुम परिपूर्ण आदि भवानी, सब घट-घट तुम आप बखानी
ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
तुम्ही हो शाकुम्भर, तुम ही हो सताक्षी माँ
शिवमूर्ति माया प्रकाशी,
ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
शिवमूर्ति माया प्रकाशी,
ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
नित जो नर-नारी अम्बे आरती गावे माँ
इच्छा पूर्ण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे माँ
शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
इच्छा पूर्ण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे माँ
शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
जो जन आरती पढ़े पढावे माँ, जो नर आरती सुनावे
बस बैकुंठ शाकुम्भर दर्शन पावे
ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
बस बैकुंठ शाकुम्भर दर्शन पावे
ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो
ऐसी अदभुत रूप ह्रदय धर लीजो
Post a Comment