रेस्टोरेन्ट का वास्तु शास्त्र | Restaurant Ka Vastu Shastra
रेस्टोरेन्ट से संबंधित कुछ वास्तु सलाह-
आजकल रेस्टोरेन्ट में जाकर खाना खाने का चलन बहुत अधिक बढ़ गया है। आज हर शहर, हर कस्बे में छोटे-बड़े रेस्टोरेन्ट खुल गए हैं। रेस्टोरेन्ट में प्रतिदिन के खर्चे भी बहुत अधिक होते हैं। प्रायः देखा जाता है कि कुछ रेस्टोरेन्ट बहुत ही अच्छे चलते हैं, कुछ का खर्चा भी नहीं निकल पाता तथा कुछ थोड़े ही समय में बंद हो जाते हैं। यदि रेस्टोरेन्ट में कोई वास्तुदोष है तो कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, इसलिए रेस्टोरेन्ट में वास्तु दोष का निवारण करना बहुत ही जरूरी है।
रेस्टोरेन्ट से संबंधित कुछ वास्तु नियम निम्नलिखित हैं-
- रेस्टोरेन्ट बनाने के लिए जमीन वर्गाकार या आयताकार होनी चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट का मुख्य दरवाजा उत्तर, पूर्व या ईशान उत्तर-पूर्व की तरफ होना चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट में फर्श का ढलान दक्षिण से उत्तर और पश्चिम से पूर्व की तरफ होना चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट बनवाते समय दक्षिण और पश्चिम में कम से कम जगह और उत्तर, ईशान तथा पूर्व में ज्यादा खाली जगह छोड़नी चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट में रसोई (किचन) अग्नेय कोण में बनानी चाहिए तथा गैस चूल्हा, तंदूर, माइक्रोवेव ओवन, मिक्सर ग्राइन्डर, फ्रीजर आदि रसोई (किचन) के अग्नेय कोण में रखना चाहिए। यदि ऐसा संभव ना हो तो रसोई (किचन) को पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए।
- गैस चूल्हा, तंदूर, माइक्रोवेव ओवन, मिक्सर ग्राइन्डर, फ्रीजर आदि अग्नेय, दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इन्हें ईशान, नेऋत्य कोण में कभी नहीं रखना चाहिए वरना ये ज्यादातर खराब ही रहेंगे।
- रेस्टोरेन्ट की रसोई (किचन) में टांड या अलमारी नेऋत्य, दक्षिण या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट में भूमिगत जल उत्तर पूर्व दिशा में और जल की व्यवस्था उत्तर या ईशान दिशा में होनी चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट में अनाज, फल, सब्जियाँ, दूध, पनीर आदि का भण्डारण (स्टाॅक) वायव्य कोण में करना चाहिए, इससे सारा सामान जल्दी बिक जाता है।
- रेस्टोरेन्ट में पकाया हुआ खाना जो परोसने लायक हो, उसे वायव्य कोण में पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट में ग्राहकों के बैठने का स्थान या डाईनिंग हाॅल पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- रेस्टोरेन्ट में ईशान कोण को हमेशा साफ-सुथरा रखें तथा पूजा-घर भी इसी जगह में बनायें। जगह की कमी के कारण पूजा-घर पूर्व या उत्तर में भी बनाया जा सकता है।
- डाईनिंग हाॅल में ग्राहकों के हाथ धोने के लिए वाश बेसिन ईशान, उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बनवायें तथा वहाँ पर साफ-सफाई की उचित व्यवस्था रखें।
- रेस्टोरेन्ट में शौचालय/प्रसाधन (टाॅयलेट) वायव्य कोण में बनवायें। यदि वहाँ संभव ना हो तो इसे नेऋत्य या दक्षिण दिशा में बनवायें।
- रेस्टोरेन्ट हाॅल में स्विच, ए.सी, बिजली मीटर आदि ईशान तथा नैऋत्य दिशा में ना लगवाकर अग्नेय, दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही लगवायें।
- रेस्टोरेन्ट में डूबता सूरज, डूबता जहाज, हिंसक जानवर, युद्ध आदि की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए।
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