ड्राॅइंग रूम या बैठक से संबंधित कुछ वास्तु सलाह-
ड्राॅइंग रूम या बैठक घर का बहुत ही मुख्य कमरा होता है। इस कमरे में परिवार के सदस्य ही नहीं, बल्कि मेहमान भी घर में सबसे पहले ड्राॅइंग रूम या बैठक में ही मुलाकात करते हैं। ड्राॅइंग रूम या बैठक से हमारे व्यक्तित्व की झलक भी मिलती है। यदि घर के ड्राॅइंग रूम या बैठक को वास्तु के अनुरूप रखा जाए तो हमारे परिवार को सकारात्मक उर्जा का लाभ मिलता रहेगा और घर में सुख शांति तथा समृद्धि भी बनी रहती है।
ड्राॅइंग रूम या बैठक से संबंधित कुछ वास्तु नियम निम्नलिखित हैं-
- ड्राॅइंग रूम या बैठक को घर के वायव्य कोण, उत्तर दिशा, पूर्व और ईशान कोण के बीच ही बनाना चाहिए।
- ड्राॅइंग रूम या बैठक का ढ़लान हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
- ड्राॅइंग रूम या बैठक में भारी फर्नीचर दक्षिण दिशा की तरफ रखना चाहिए। भारी फर्नीचर पश्चिम दिशा की तरफ भी रखा जा सकता है, परन्तु उत्तरी तथा पूर्वी दिवार की तरफ कदापि नहीं रखना चाहिए।
- फर्नीचर रखते समय एक बात का खास ध्यान रखें कि घर के मुखिया का मुंह बैठते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ हो।
- ड्राॅइंग रूम के दक्षिण पश्चिम कोने (नेत्रत्य कोण) में टेलीफोन रखना चाहिए। टेलीविजन दक्षिण की दीवार में रखना सही माना जाता है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्राॅनिक उपकरण दक्षिण-पूर्वी कोने में रखने चाहिए।
- फिश एक्वेरियम या फाउंटेन आदि उत्तरी पूर्व कोने में होने चाहिए।
- ड्राॅइंग रूम बाहरी रोशनी उचित मात्रा में आनी चाहिए। उत्तरी या पूर्वी दीवार में बड़ी खिड़कियां जरूर होनी चाहिए।
- ड्राॅइंग रूम का दरवाजा उत्तर दिशा में होना अच्छा माना जाता है। दरवाजा पूर्व दिशा में भी बनाया जा सकता है, परन्तु अन्य दिशा में ड्राॅइंग रूम का दरवाजा नहीं होना चाहिए।
- एयर कंडीशन या कूलर, ड्राॅइंग रूम में पश्चिम, वायवय दिशा या आग्नेय कोण में होने चाहिए।
- दीवारों का हल्का नीला, पीला या हल्के हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए।
- ड्राॅइंग रूम में शोकेस तथा अलमारी दक्षिण पश्चिमी कोने (नेत्रत्य कोण) में होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त ये दक्षिण दिशा में भी रखे जा सकते हैं।
- बिजली के बल्ब, टयूब आदि पूर्वी या उत्तरी दीवार में लगाने चाहिए।
- ड्राॅइंग रूम या बैठक में प्राकृतिक दृश्य वाली तस्वीर लगानी सही मानी जाती है। युद्ध, मौत, गरीबी आदि जैसी तस्वीरे नहीं लागनी चाहिए।
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