गौमाता की आरती | Gaumata Ki Aarti

ऊँ जय जय गौमाता, देवी जय जय गौमाता ।
मंगल मुक्ति प्रदायिनी, जन्म मरण त्राता ।।
ऊँ जय जय गौमाता… (x2)
गुरू वशिष्ट की सेवा, नंदनी चित लायी ।
कामधेनु से हारे, सैनिक समुदायी ।।
ऊँ जय जय गौमाता…
ब्रहमा विष्णू विराजे, शिव तन पर धारे ।
गौमुख निकसी गंगा, काज सकल सारे ।।
ऊँ जय जय गौमाता…
सूर्यवंश के राजा, अमर दिलीप भये ।
गौामता की सेवा से, पावन मोक्ष गये ।।
ऊँ जय जय गौमाता…
भरत भूमि की रक्षा, तुमने नित्य करी ।
पंच द्रव्य का सेवन, क्षण में बुद्धि भयी ।।
ऊँ जय जय गौमाता…
कलियुग त्रास निवारिणी, हरत घास भोगी ।
करे अन्य सो सेवा, सुख पावे रोगी ।।
ऊँ जय जय गौमाता…
सुर्य चंद्रमा नव ग्रह, जो परताप करे ।
गौमाता की सेवा से, पादक पुंज डरे ।।
ऊँ जय जय गौमाता…
गौ सेवा से करे आरती, जो जन नित गावे ।
कहे मधुर कवि भव से, पार उतर जावे ।।
ऊँ जय जय गौमाता…
ऊँ जय जय गौमाता, देवी जय जय गौमाता ।
मंगल मुक्ति प्रदायिनी, जन्म मरण त्राता ।।
ऊँ जय जय गौमाता… (x2)

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