बद्रीनाथ की आरती | Badrinath Ki Aarti
शेष सुमिरन करत निशदिन धरत ध्यान महेश्वरम्।
वेद ब्रहमा करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
वेद ब्रहमा करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
शक्ति गौरी गणेश शारद नारद मुनि उच्चारणम्।
जोग ध्यान अपार लीला श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
जोग ध्यान अपार लीला श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर धूप दीप प्रकाशितम्।
सिद्ध मुनिजन करत जै जै बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
सिद्ध मुनिजन करत जै जै बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
पवन मंद सुगंध शीतल हेम मंदिर शोभितम्।
निकट गंगा बहत निर्मल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
निकट गंगा बहत निर्मल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
यक्ष किन्नर करत कौतुक ज्ञान गंधर्व प्रकाशितम्।
श्री लक्ष्मी कमला चंवरडोल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
श्री लक्ष्मी कमला चंवरडोल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
कैलाश में एक देव निरंजन शैल शिखर महेश्वरम्।
राजयुधिष्ठिर करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
राजयुधिष्ठिर करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
श्री बद्रीजी के पंच रत्न पढ्त पाप विनाशनम्।
कोटि तीर्थ भवेत पुण्य प्राप्यते फलदायकम्। (x2)
कोटि तीर्थ भवेत पुण्य प्राप्यते फलदायकम्। (x2)
पवन मंद सुगंध शीतल हेम मंदिर शोभितम्।
निकट गंगा बहत निर्मल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
निकट गंगा बहत निर्मल श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्। (x2)
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